राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ शिकà¥à¤·à¤• दिवस:देश के पहले उप-राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ और दूसरे राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ डॉ. सरà¥à¤µà¤ªà¤²à¥à¤²à¥€ राधाकृषà¥à¤£à¤¨ के जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤¨ के उपलकà¥à¤·à¥à¤¯ में 5 सितंबर को राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ शिकà¥à¤·à¤• दिवस हर साल मनाया जाता है।
- इस दिन का जशà¥à¤¨ मनाने के लिठशिकà¥à¤·à¤•ों को समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ करने के लिठदेश à¤à¤° में सà¥à¤•ूलों और कॉलेजों में कई पà¥à¤°à¤•ार के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® आयोजित किठजाते हैं।
डॉ. सरà¥à¤µà¤ªà¤²à¥à¤²à¥€ राधाकृषà¥à¤£à¤¨:
- डॉ. सरà¥à¤µà¤ªà¤²à¥à¤²à¥€ राधाकृषà¥à¤£à¤¨ का जनà¥à¤® 5 सितंबर, 1888 को बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की ततà¥à¤•ालीन मदà¥à¤°à¤¾à¤¸ पà¥à¤°à¥‡à¤¸à¥€à¤¡à¥‡à¤‚सी (अब तमिलनाडॠमें) में हà¥à¤† था।
- वह à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दारà¥à¤¶à¤¨à¤¿à¤• और राजनेता थे और 20वीं शताबà¥à¤¦à¥€ में à¤à¤¾à¤°à¤¤ में तà¥à¤²à¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• धरà¥à¤® और दरà¥à¤¶à¤¨ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में सबसे पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• थे।
- पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ लोगों की नजर में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने नई समकालीन हिंदू पहचान की दिशा में बेहतरीन योगदान दिया था।
- वह शिकà¥à¤·à¤•ों के लिठबहà¥à¤¤ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ रखते थे और हमेशा मानते थे कि शिकà¥à¤·à¤• ही वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• राषà¥à¤Ÿà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ हैं।
- वह à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पहले उपराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ (1952-1962 तक कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में), à¤à¤¾à¤°à¤¤ के दूसरे राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ थे(1962 से 1967 तक कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में)।
- वे राजनीतिजà¥à¤ž सी. राजगोपालाचारी, वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• सी.वी. रमन के साथ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š नागरिक पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ार à¤à¤¾à¤°à¤¤ रतà¥à¤¨ के पहले पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤•रà¥à¤¤à¤¾ थे।
- उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ रॉयल ऑरà¥à¤¡à¤° ऑफ मेरिट (1963) से à¤à¥€ समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया गया था।