भारत सरकार ने जलदूत एप्प (JALDOOT App) लांच किया


जलदूत एप्प और जलदूत एप्प ई-ब्रोशर: भारत सरकार ने हाल ही में जलदूत एप्प और जलदूत एप्प ई-ब्रोशर लॉन्च किया है।

मुख्य बिंदु:

जलदूत एप्लिकेशन को पंचायत और ग्रामीण विकास के केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।
इस एप्प का उपयोग ग्राम रोजगार सहायक द्वारा वर्ष में दो बार मानसून से पहले और बाद में कुएं में जल स्तर को मापने के लिए किया जा सकता है।
यह भू-जल स्तर पर डेटा के व्यवस्थित संग्रह और विश्लेषण के लिए केंद्रीय डिजिटल डेटाबेस में संग्रहीत करने में सक्षम बनाता है।
इस डेटा का उपयोग ग्राम पंचायत विकास योजना और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के कार्यान्वयन के लिए किया जा सकता है।
इस एप्प के जरिए एक गांव के 2 से 3 कुओं के जल स्तर को कैप्चर किया जाएगा।
खुले कुओं में पानी का स्तर साल में दो बार मापा जाएगा – 1 मई से 31 मई तक प्री-मानसून जल स्तर और फिर 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक मानसून के बाद के स्तर के रूप में।
जलदूत (पानी के स्तर को मापने में शामिल अधिकारी) माप के हर अवसर पर एप्प के माध्यम से जियो-टैग की गई तस्वीर अपलोड करेंगे।
यह एप्प ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में काम करेगा। ऑफलाइन मोड में, जलदूत इंटरनेट कनेक्शन के बिना भी जल स्तर कैप्चर करने में सक्षम होगा और कैप्चर की गई तारीख को मोबाइल में संग्रहीत किया जाएगा। एप्प के ऑनलाइन होने पर डेटा अपलोड किया जाएगा और सेंट्रल सर्वर के साथ सिंक्रोनाइज़ किया जाएगा।
इस एप्लिकेशन में डेटा राष्ट्रीय जल सूचना विज्ञान केंद्र (NWIC) में संग्रहीत किया जाएगा, जो व्यापक मूल्यांकन और विश्लेषण के माध्यम से विभिन्न रिपोर्ट बनाने में मदद करेगा।

राष्ट्रीय जल सूचना विज्ञान केंद्र (National Water Informatics Centre):
राष्ट्रीय जल सूचना विज्ञान केंद्र (NWIC) केंद्रीय रिपॉजिटरी है जो पूरे भारत में जल संसाधन की उपलब्धता के संबंध में डेटा संग्रहीत करता है। 
2018 में स्थापित, यह जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन विभाग के तत्वावधान में आता है। 
यह केंद्रीय भंडार भारत में जल संसाधनों के डेटा-आधारित सतत विकास और प्रबंधन को सक्षम बनाता है।


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