50वें मà¥à¤–à¥à¤¯ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ : नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ धनंजय यशवंत चंदà¥à¤°à¤šà¥‚ड़ नवंबर 2022 में à¤à¤¾à¤°à¤¤ के 50वें मà¥à¤–à¥à¤¯ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ (CJI) बनेंगे।
मà¥à¤–à¥à¤¯ बिंदॠ:
à¤à¤¾à¤°à¤¤ के वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ सीजेआई मà¥à¤–à¥à¤¯ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ यू.यू. ललित ने 11 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर, 2022 को आयोजित सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के अनà¥à¤¯ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶à¥‹à¤‚ की बैठक के दौरान नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ डी.वाई. चंदà¥à¤°à¤šà¥‚ड़ को अपने उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•ारी के रूप में नामित किया।
CJI की सरकार को सिफारिश से à¤à¤¾à¤°à¤¤ के 50वें मà¥à¤–à¥à¤¯ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ की नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ की पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ हो जाà¤à¤—ी।
यदि इस नियà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ को केंदà¥à¤° सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अनà¥à¤®à¥‹à¤¦à¤¿à¤¤ किया जाता है, तो नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ डी.वाई. चंदà¥à¤°à¤šà¥‚ड़ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पहले दूसरी पीढ़ी के मà¥à¤–à¥à¤¯ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ होंगे।
जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ डीवाई चंदà¥à¤°à¤šà¥‚ड़:
जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ डीवाई चंदà¥à¤°à¤šà¥‚ड़ के पिता – जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ वाई.वी. चंदà¥à¤°à¤šà¥‚ड़ – à¤à¤¾à¤°à¤¤ के 16वें मà¥à¤–à¥à¤¯ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ थे।
नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ वाई.वी. चंदà¥à¤°à¤šà¥‚ड़ 1978 में सीजेआई बने थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सात साल के सबसे लंबे कारà¥à¤¯à¤•ाल के लिठइस पद पर कारà¥à¤¯ किया।
सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤§à¥€à¤¶ के रूप में अपने कारà¥à¤¯à¤•ाल के दौरान, डीवाई चंदà¥à¤°à¤šà¥‚ड़ ने अपने पिता दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दिठगठदो फैसलों को पलट दिया था। ये मामले वà¥à¤¯à¤à¤¿à¤šà¤¾à¤° और निजता के अधिकार से संबंधित हैं।
2017 में, नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ डी.वाई. चंदà¥à¤°à¤šà¥‚ड़ और अनà¥à¤¯ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶à¥‹à¤‚ की शीरà¥à¤· अदालत ने कà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤ बंदी पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¥€à¤•रण मामले में 1975 के फैसले को खारिज कर दिया, जिसने आपातकाल के दौरान जीवन के अधिकार को निलंबित करने की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ दी थी। 1975 में, पूरà¥à¤µ CJI चंदà¥à¤°à¤šà¥‚ड़ पांच में से चार नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶à¥‹à¤‚ में शामिल थे, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने देश में आपातकाल लगाने के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ के आदेश को बरकरार रखा था।
जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ डी.वाई. चंदà¥à¤°à¤šà¥‚ड़ ने अपने पिता के à¤à¤• और à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• फैसले को à¤à¥€ खारिज कर दिया, जिसमें औपनिवेशिक यà¥à¤— के वà¥à¤¯à¤à¤¿à¤šà¤¾à¤° कानून को बरकरार रखा गया था।
नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ चंदà¥à¤°à¤šà¥‚ड़ ने इस कानून को रदà¥à¤¦ कर दिया और आवाज उठाई कि यह “पितृसतà¥à¤¤à¤¾ का संहिताबदà¥à¤§ नियम” है।
डी.वाई. चंदà¥à¤°à¤šà¥‚ड़ चिंता इचà¥à¤›à¤¾à¤®à¥ƒà¤¤à¥à¤¯à¥, सबरीमाला में महिलाओं के पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶, समलैंगिकता को अपराध से मà¥à¤•à¥à¤¤ करने, गरà¥à¤à¤ªà¤¾à¤¤ के अधिकार, हादिया मामले, मेडिकल कॉलेज के मामलों और सिनेमा हॉल में अनिवारà¥à¤¯ रूप से राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤—ान बजाने की जनहित याचिका से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ अनà¥à¤¯ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• निरà¥à¤£à¤¯ करने में शामिल थे।